पधारो प्रथम पूज्य गणेश
पधारो.....
मूषक पर होकर सवार
सजा है घर में दरबार
बैठे थे मन में आस लिए सारे
सजा है घर में दरबार
बैठे थे मन में आस लिए सारे
लम्बोदर पीताम्बर घर में पधारे
विघ्न हरो है विघ्नहर्ता
भक्तो के तुम हो दुखहर्ता
भक्तो के तुम हो दुखहर्ता
पधारो प्रथम पूज्य गणेश
पधारो...
पधारो...
मोदक मिश्री भोग लगाएं
रिद्धी-सिद्धी शुभता को रिझाएं
एक दंत,दयावंत
करते हैं सभी नमन
ढोल-ताशे उड़े गुलाल
घर पधारे गौरी के लाल
पधारो प्रथम पूज्य गणेश
पधारो...
हे विघ्न-विनाशक,गजनना हे
हे गौरी तनया भाल चन्द्र हे
सुन लो विनय संताप हरो हे
कष्ट मिटाओ मोरेश्वर हे
कर रहे विनती बारम्बार
पधारो प्रथम पूज्य गणेश
पधारो....
सुन लो शिव सुत विनती मेरी
भोग चढ़ाऊँ मोदक, मिश्री
लड्डु लाऊँ भर-भर थाली
फैले चहुँओर फिर खुशहाली
फैले चहुँओर फिर खुशहाली
कृपा करो हे सिद्धीविनायक
जल्दी न जाना अबकी बरस
सजे है रंगोली घर-द्वार
पधारो प्रथम पूज्य गणेश
पधारो....
***अनुराधा चौहान***
सुन्दर शब्द वंदन
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीया
Deleteजय श्री गणेश जी को शत शत नमन, बहुत ही सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी
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