Thursday, April 25, 2019

परिवार का महत्व

रिश्तों को किनारे कर नहीं परिवार बनते हैं
धोखे और चालाकी से नहीं रिश्ते संवरते हैं

रखी हो प्रेम की नींव जहाँ वहाँ परिवार बसता है
भुलाकर भेदभाव सारे दिन-प्रतिदिन निखरता है

यह मूलमंत्र है जीवन का सेवा माँ-बाप की करना
औरत खुश रहे घर में ऐसा माहौल तुम रखना

हो कोई भी बहन-बेटी सदा सम्मान तुम करना
यही संस्कार आगे भी अपने परिवार को देना

तभी परिचित होगा भविष्य परिवार के महत्व को समझ
रखो प्रेम सदा दिल में चलो आदर्श पर अपने

इसी प्रेम से ही होते मजबूत परिवार के रिश्ते
रिश्तों से ही रौनक हैं जीवन में परिवार की

बुजुर्गो के आशीर्वाद से छत बनती परिवार की
किलकारियों की गूँज ही खनक भरती दिवालों में

चूड़ी की खनक पायल की छन-छन रंग भरती जीवन में
नींव होती घर की मजबूत आपसी प्रेम विश्वास से
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

2 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (27-04-2019) "परिवार का महत्व" (चर्चा अंक-3318) को पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है

    --अनीता सैनी

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