तेरे संग ज़ीने-मरने के
ख्व़ाब सज़ा इन आँखों में
हम रातों को भी न सोए
हम किन आँखों से रोएंँ
आँसुओं में बह अरमां
ग़र हम याद में तेरी रोए
हम किन आँखों से रोएंँ
मखमली अहसास बुने
कुछ फूल पलाश चुने
रात से चुराकर अंँधेरा
इन आँखों में काजल सजे
बह न जाए अरमां सिंदूरी
हम किन आँखों से रोएंँ
मत रखो मुझसे तुम दूरी
तुम बिन हर चाहत अधूरी
हर आहट पर दिल धड़के
बार-बार मेरी आँख फड़के
पलकों में सपने सजाए
कहीं बह न जाए सपने
हम किन आँखों से रोएंँ
रात गुजारूं तारे गिन-गिन
मेरी हर दुआ में तू शामिल
पायल खनके ले तेरा नाम
चूड़ियां की खनक भेजे पैगाम
नैनों में भरी इंतज़ार की घड़ियांँ
हम किन आँखों से रोएंँ
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
बहुत खूब अनुराधा जी 👌👌
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी
Deleteवाह लाजवाब गहरी दिल को छू गई रचना सखी आपकी।
ReplyDeleteआपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार सखी
Deleteमेरी हर दुआ में तू शामिल
ReplyDeleteपायल खनके ले तेरा नाम
चूड़ियां की खनक भेजे पैगाम
नैनों में भरी इंतज़ार की घड़ियांँ
हम किन आँखों से रोएंँ...
सुंदर लेखन व संवेदनशील पंक्तियाँ ।
सहृदय आभार आदरणीय
Deleteसहृदय आभार यशोदा जी
ReplyDeleteवाहह्हह सुंदर अनुनय गीत..👌
ReplyDeleteहार्दिक आभार श्वेता जी
Deleteवाह!!सखी ,बहुत सुंदर !
ReplyDeleteसहृदय आभार सखी
Deleteसुन्दर!!!!
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Deleteबहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteवाह!!!
सस्नेह आभार सखी
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