(१)
हो
सत्य
प्रथम
हरपल
कर्म की राह
भगवत कृपा
जीवनगाड़ी चला
(२)
ये
पथ
दुर्गम
प्रतिपल
बढ़ा कदम
सत्य का सफर
जीवन चलाचल
(३)
है
भाव
सम्मान
मन प्रेम
हृदय जीते
आतिथ्य सेवा
भारत परम्परा
(४)
है
धर्म
विनम्र
हो आचार
सेवा के भाव
हमारे संस्कार
अतिथि देवो भव
(५)
दें
दान
अनाथ
पुण्य धर्म
पावन पर्व
मकर संक्रांति
सुखी सब जीवन
(६)
हो
धर्म
सफल
शुभ कर्म
जीवनदान
महान कल्याण
मानवता प्रसन्न
***अनुराधा चौहान***स्वरचित पिरामिड✍
हो
सत्य
प्रथम
हरपल
कर्म की राह
भगवत कृपा
जीवनगाड़ी चला
(२)
ये
पथ
दुर्गम
प्रतिपल
बढ़ा कदम
सत्य का सफर
जीवन चलाचल
(३)
है
भाव
सम्मान
मन प्रेम
हृदय जीते
आतिथ्य सेवा
भारत परम्परा
(४)
है
धर्म
विनम्र
हो आचार
सेवा के भाव
हमारे संस्कार
अतिथि देवो भव
(५)
दें
दान
अनाथ
पुण्य धर्म
पावन पर्व
मकर संक्रांति
सुखी सब जीवन
(६)
हो
धर्म
सफल
शुभ कर्म
जीवनदान
महान कल्याण
मानवता प्रसन्न
***अनुराधा चौहान***स्वरचित पिरामिड✍
चित्र गूगल से साभार
बहुत ही सुंदर प्रयास है। सारे छंद अच्छे बन पड़े है। शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
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