संयम टूटने लगता है
जब लोग झूठ को
लग जाते हैं सच
साबित करने में
संयम तब भी टूटने लगता है
जब आप ग़लत न हो
फिर भी ग़लत
ठहराए जाने लगते हो
संयम तब और टूट जाता है
जब आप किसी पर
अपने से ज्यादा
यकीन करते हो
वो यकीं तोड़ जाए
संयम तब भी खोने लगता है
जब अपनों से
मिलता धोखा है
तब टूटता है दिल
बहुत मायूस होता है
संयम बिखरने लगता है
जब कोई अनायास
आपको अकेले छोड़
किसी और का हो जाता है
संयम रखना पड़ता है
जब दिल व्यथित हो
अपनों की खुशियों के लिए
जबरन मुस्कुराना पड़े
***अनुराधा चौहान***
जब लोग झूठ को
लग जाते हैं सच
साबित करने में
संयम तब भी टूटने लगता है
जब आप ग़लत न हो
फिर भी ग़लत
ठहराए जाने लगते हो
संयम तब और टूट जाता है
जब आप किसी पर
अपने से ज्यादा
यकीन करते हो
वो यकीं तोड़ जाए
संयम तब भी खोने लगता है
जब अपनों से
मिलता धोखा है
तब टूटता है दिल
बहुत मायूस होता है
संयम बिखरने लगता है
जब कोई अनायास
आपको अकेले छोड़
किसी और का हो जाता है
संयम रखना पड़ता है
जब दिल व्यथित हो
अपनों की खुशियों के लिए
जबरन मुस्कुराना पड़े
***अनुराधा चौहान***
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