बनता नहीं घरौंदा
पानी के बुलबुलों पर
ख्वाबों को करने पूरा
संघर्ष कठिन है करने
नाकामियों से डर कर
संघर्ष से जो हार मानें
जीवन सफल न होगा
किस्मत भरोसे रह कर
मायूस होकर यूं ही
कभी जिंदगी कटे न
जीने मिला है जीवन
जीवन सफल किए जा
कब तक यह जिंदगी है
इसका न कोई भरोसा
कामयाबी कदम चूमे
संघर्ष तुम ऐसा करलो
कितना कठिन संघर्ष है
देश के वीर जवानों का
सुरक्षा हमारी करने
तूफानों से हरदम लड़ते
उनसे सबक लेकर
भिड़ जाओ हर मुश्किल से
मुमकिन नहीं सभी को
महलों का सुख मिलें ही
***अनुराधा चौहान***
बहुत ही उत्साहपूर्ण कविता
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आदरणीय
Deleteये जीवन भी संघर्ष है ...
ReplyDeleteसक करें तो राह आसान हो जायगी ...
आभार आदरणीय
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