Friday, September 28, 2018

कड़वे बोल


मत बोलो कड़वे बोल
यह बहुत नुकीले होते हैं
आंखों से नहीं दिखते
पर जख्म गहरे होते हैं
     अनुराधा चौहान

6 comments:

  1. बहुत सुन्दर सखी 👌
    मत बोलो तुम कङवे बोल
    नासूर गहरे रह जाते
    तन नहीं घाव मन के कर जाते।

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    1. बहुत बहुत आभार सखी आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए

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    1. बहुत बहुत आभार नीतू जी

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  3. वाणी मन की अंतर ध्वनि है
    ना बिना बिचारे बोल
    ऊंच नीच कुछ कह बैठा तो
    सारी खूलेगी पोल।।

    सोच के बोल तोल मोल के बोल

    बहुत सुंदर सखी।

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    1. बेहद खूबसूरत पंक्तियां सखी बहुत बहुत आभार सुंदर प्रतिक्रिया के लिए

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