काजल सी काली आंखों में
चंचल मन के भाव लिए
फूलों से कोमल होंठों पर
झरने से सुंदर गीत सजे
नन्हें नन्हें पांवों से वो
जब इठलाकर चलती है
मेरे मन में ममता के
भावों की सरगम बजती है
नन्ही नाजुक कोमल सी
मेरे अंगना की परी है वो
सारे जग से बड़ी ही प्यारी
मेरी अनमोल निधि है वो
***अनुराधा चौहान***
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